Computer Language Translator क्या है
Computer language translator एक software tool या program होता हैं जो एक programming language में लिखे गए code को दूसरी programming language में translate करता हैं इसका मुख्य काम होता हैं code को एक platform se दूसरी पर transfer करने मे मदद करना।
Computer language translators का उपयोग code को एक language से दूसरी language में convert करने में मदद होता है जिससे developers अलग अलग languages और environments पर code लिख सके और जिनसे उन्हें एक दूसरे के साथ interoperate करने मे मदद मिलती हैं।
LANGUAGE TRANSLATOR के प्रकार
1. COMPILER
2. INTERPRETER
3. ASSEMBLER
1. COMPILER
Compiler एक software program होता हैं जो high-level programming language में लिखे गए source code को machine code में translate करता हैं इसका मुख्य उद्देश्य हैं की computer समझ सके किस तरह के instructions को execute करना हैं Compiler source code को एक बार में compile करता हैं और उसका machine code version generate करता है।
COMPILER के ADVANTAGES
• Compiler code को एक बार में machine code में translate करता है इसलिए code execution generally faster होता है compared to interpreters
• Compilers source code को analyze करके syntax errors और logical errors को identify कर सकते है जिससे developer code quality improve कर सकता हैं।
COMPILER के DISADVANTAGES
• Compiler code को एक बार मे compile करते है इसलिए code लिखने और compile करने में समय लग सकता हैं जो development process को धीमा कर सकता है।
• Compiler द्वारा बनाए गए machine code अक्सर platform-specific होते है इसका मतलब हैं की अलग अलग platforms के लिए आपको अलग अलग compilers या compiler settings ki जरूरत हो सकता है।
2. INTERPRETER
Interpreter एक software program होता है जो high-level programming language में लिखे गए source code को line-by-line read पढ़ता है और उसे runtime पर translate करके execute करता है Interpreter code को translate करता समय line-by-line analysis करता है और हर line को एक machine code instruction में बदलता है जिसे computer समझ सकता है।
INTERPRETER के ADVANTAGES
• Interpreter code development को आसान बनाता है क्यों की code को लिख कर तुरंत run करके देखा जा सकता है बीना उसे पहले compile किए।
• Interpreter runtime errors को आसानी से पहचान सकता है क्यों की code line-by-line execute होता है।
INTERPRETER के DISADVANTAGES
• Interpreter code को runtime पर translate करता है इसलिए execution speed अक्सर slower होती है compile languages के मुकाबले।
• Interpreter source code की security को कमजोर बना सकता है क्यों की code open और accessible होता है।
3. ASSEMBLER
Assembler एक low-level programming language होता है जो computer hardware के साथ directly interact करने के लिए उपयोग होता है इसका मुख्य काम machine code (binary language) को human-readable assembly language में translate करना है ताकि programmers को hardware के साथ programming करने में सुविधा मिले।
ASSEMBLER के ADVANTAGES
• Assembler आपको hardware के साथ सीधे communication करने की अनुमति देता है जिसे आप specific hardware resources, memory locations, registers, और devices के साथ काम कर सकते है।
• Assembler code, machine code के करीब होता है इसलिए execution speed और resource utilization बहुत अच्छा होता है।
ASSEMBLER के DISADVANTAGES
• Assembler code लिखना और समझना high-level programming languages के मुकाबले ज्यादा complex होता है क्यों की यह machine code के करीब होता है।
• Assembler code platform-specific होते है इसका मतलब है की एक platform के लिए लिखा गया code दूसरे platform पर नही चलेंगे।
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